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Laundry And Dry Cleaners

Description:

Introduction :

          ड्राई क्लीनिंग और लॉन्ड्री व्यवसाय कपड़े धोने, सुखाने, इस्त्री करने और कुछ विशेष कपड़ों की रसायन-आधारित सफाई (ड्राई क्लीनिंग) की सेवाएं प्रदान करता है। यह एक सेवा-आधारित उद्योग है जो आधुनिक जीवनशैली में लोगों के समय और श्रम को बचाने में मदद करता है।

a) लॉन्ड्री (Laundry) : इसमें कपड़ों को पानी और डिटर्जेंट का उपयोग करके धोया जाता है, फिर सुखाया और इस्त्री किया जाता है। यह रोज़मर्रा के कपड़ों, चादरों, तौलियों आदि के लिए उपयुक्त है।

b) ड्राई क्लीनिंग (Dry Cleaning) : इसमें पानी के बजाय विशेष रासायनिक सॉल्वैंट्स का उपयोग करके कपड़ों को साफ किया जाता है। यह रेशम, ऊन, मखमल जैसे नाजुक कपड़ों, महंगे सूट, डिजाइनर परिधानों और उन कपड़ों के लिए आदर्श है जो पानी में धोने पर सिकुड़ सकते हैं या खराब हो सकते हैं। यह तेल-आधारित दाग हटाने में विशेष रूप से प्रभावी है।
यह व्यवसाय घरों, होटलों, अस्पतालों, रेस्टोरेंट और विभिन्न संस्थानों को अपनी सेवाएं प्रदान करता है।

 

Scope :

ड्राई क्लीनिंग और लॉन्ड्री व्यवसाय का कार्यक्षेत्र भारत में बहुत व्यापक है और इसके निरंतर बढ़ने की प्रबल संभावना है:
1) बदलती जीवनशैली और शहरीकरण: भारत में कामकाजी आबादी बढ़ रही है, खासकर शहरों में। लोगों के पास कपड़े धोने और इस्त्री करने के लिए कम समय होता है, जिससे वे इन सेवाओं पर निर्भर होते हैं। एकल परिवार और छोटे परिवारों की संख्या में वृद्धि भी इसका एक कारण है।
2) मध्यम वर्ग की बढ़ती क्रय शक्ति: मध्यम वर्ग की बढ़ती आय के साथ, लोग सुविधा सेवाओं पर खर्च करने को तैयार हैं। वे महंगे और नाजुक कपड़ों की देखभाल के लिए ड्राई क्लीनिंग को प्राथमिकता देते हैं।
3) बढ़ता HoReCa (होटल, रेस्तरां, कैटरिंग) उद्योग: पर्यटन और आतिथ्य उद्योग में तेजी से वृद्धि हो रही है। होटल, रिसॉर्ट, अस्पताल, रेस्तरां और बैंक्वेट हॉल को नियमित रूप से बड़ी मात्रा में चादरें, तौलिये, वर्दी और मेज़पोश धोने और साफ करने की आवश्यकता होती है। यह बी2बी (बिजनेस-टू-बिजनेस) खंड में एक बड़ा अवसर है।
4) स्वास्थ्य और स्वच्छता पर जोर: विशेष रूप से महामारी के बाद, स्वच्छता और रोगाणु मुक्त कपड़ों की आवश्यकता बढ़ गई है, जिससे पेशेवर लॉन्ड्री सेवाओं की मांग बढ़ी है।
5) रेडीमेड कपड़ों का प्रचलन: ब्रांडेड और महंगे रेडीमेड कपड़ों का प्रचलन बढ़ रहा है, जिनकी बेहतर देखभाल के लिए अक्सर ड्राई क्लीनिंग या विशेष लॉन्ड्री की आवश्यकता होती है।
6) विशिष्ट आवश्यकताएं: शादी के कपड़े, पर्दे, कंबल और अन्य बड़े या विशेष कपड़ों की सफाई के लिए विशेष उपकरण और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है, जो पेशेवर लॉन्ड्री और ड्राई क्लीनर्स ही प्रदान कर सकते हैं।
7) डिजिटल एकीकरण: ऑनलाइन बुकिंग, पिक-अप और डिलीवरी सेवाओं के माध्यम से ग्राहकों तक पहुंच बढ़ाना एक महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्र है।

 

Demand :

ड्राई क्लीनिंग और लॉन्ड्री सेवाओं की मांग लगातार बढ़ती जा रही है, इसके प्रमुख कारण:
1) समय की कमी: शहरी जीवन में व्यस्त कार्यक्रम के कारण लोगों के पास कपड़े धोने के लिए समय कम होता है।
2) सुविधा की तलाश: कपड़े धोने, सुखाने और इस्त्री करने की परेशानी से बचने के लिए उपभोक्ता पेशेवर सेवाओं को पसंद करते हैं।
3) विशेषज्ञ देखभाल: नाजुक और महंगे कपड़ों को घर पर धोने से खराब होने का डर रहता है, इसलिए लोग ड्राई क्लीनिंग पर भरोसा करते हैं।
4) परिणामों की गुणवत्ता: पेशेवर सेवाएं बेहतर सफाई, इस्त्री और कपड़ों की लंबी उम्र सुनिश्चित करती हैं।
5) संस्थागत आवश्यकताएं: अस्पताल, होटल जैसे संस्थानों को हर दिन बड़ी मात्रा में कपड़ों को साफ करने की आवश्यकता होती है, और वे इन सेवाओं के लिए बाहरी लॉन्ड्री पर निर्भर करते हैं।

 

Future :

ड्राई क्लीनिंग और लॉन्ड्री व्यवसाय का भविष्य बहुत उज्ज्वल और आशाजनक है:
1) निरंतर बाजार वृद्धि: भारत में इस उद्योग के अगले कुछ वर्षों में सालाना 10-15% की दर से बढ़ने की उम्मीद है, मुख्य रूप से शहरीकरण, जीवनशैली में बदलाव और डिस्पोजेबल आय में वृद्धि के कारण।
2) फ्रैंचाइज़ी मॉडल का विस्तार: UClean, Laundrywala जैसे ब्रांडेड लॉन्ड्री और ड्राई क्लीनिंग चेन का विस्तार तेजी से हो रहा है, जो नए उद्यमियों को स्थापित ब्रांड के साथ व्यवसाय शुरू करने का अवसर प्रदान करता है।
3) ऑनलाइन प्लेटफॉर्म: मोबाइल ऐप और वेबसाइट के माध्यम से पिक-अप और डिलीवरी सेवाओं का विस्तार।
4) स्मार्ट मशीनें: ऊर्जा कुशल, पानी बचाने वाली और स्वचालित मशीनें जो विभिन्न प्रकार के कपड़ों के लिए अनुकूलित धुलाई चक्र प्रदान करती हैं।
5) वेट क्लीनिंग (Wet Cleaning): परक्लोरोएथिलीन (Perc) जैसे पारंपरिक ड्राई क्लीनिंग सॉल्वैंट्स के पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण, पानी-आधारित, बायोडिग्रेडेबल डिटर्जेंट का उपयोग करने वाली ‘वेट क्लीनिंग’ जैसी पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों की मांग बढ़ेगी।
6) बी2बी क्षेत्र में वृद्धि: अस्पतालों (संक्रमित कपड़ों की धुलाई), होटलों और अन्य संस्थानों से बड़ी मात्रा में कपड़े धोने के अनुबंधों में वृद्धि।

 

Machinery : 

1)कमर्शियल वॉशिंग मशीन (Commercial Washing Machine)
2)Washer-Extractor
3)कमर्शियल ड्रायर (Commercial Dryer Machine)
4)स्टीम आयरन/प्रेस (Steam Iron/Press)
5)स्पॉटिंग बोर्ड (Spotting Board)
6)ड्राई क्लीनिंग मशीन (Dry Cleaning Machine)
7)Water Heater/Boiler
8)पानी का सॉफ्टनर प्लांट (Water Softener Plant)
9)Conveyor System/Sorting Table
10)लॉन्ड्री ट्रॉली/गाड़ियां (Laundry Trolleys/Carts)

 

Raw Material :

1)Detergent Powder/Liquid
2)Fabric Softener
3)Stain Removers/Spotting Agents
4)Bleach
5)Starch
6)Dry Cleaning Solvents
7)Water
8)Hangers
9)Polybags/Plastic Wrap
10)Laundry Mesh Bags
11)Cleaning Cloths/Dusters

 

Investment :

Capital Investment : Shed = 2,00,000 – 2,50,000/-
Machinery = 2,50,000 – 3,50,000/-
Place Required : 300 – 500 sq
Government Subsidy : Available
Margins = Rs. 10 – 50 (depend on the product)

 

अधिक जानकारी के लिए 7272971971 पर संपर्क करें।

 

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August 13, 2025

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