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Furniture Shop

Description:

Introduction :

          फर्नीचर बेस बनाने का व्यवसाय, फर्नीचर उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। फर्नीचर बेस, फर्नीचर के टिकाऊपन और स्थिरता के लिए आवश्यक होता है, चाहे वह सोफे, बेड, अलमारी या कुर्सी के लिए हो। यह व्यवसाय मुख्य रूप से लकड़ी, धातु, या प्लास्टिक जैसे कच्चे माल का उपयोग करके विभिन्न डिजाइनों और आकारों के बेस का उत्पादन करता है। इस व्यवसाय की मांग लगातार बढ़ रही है क्योंकि घर, ऑफिस, और रेस्टोरेंट जैसे जगहों पर नए फर्नीचर की जरूरत बनी रहती है। यह एक ऐसा व्यवसाय है जो कम लागत में शुरू किया जा सकता है और जिसमें अच्छा लाभ मार्जिन है।

 

Scope :

फ़र्नीचर बेस व्यवसाय का स्कोप
1) बढ़ता हुआ रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र: भारत में रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे नए घरों, अपार्टमेंट, ऑफ़िस, और होटलों का निर्माण हो रहा है। इन सभी जगहों पर नए फ़र्नीचर की आवश्यकता होती है, जिससे फ़र्नीचर बेस की मांग सीधे तौर पर बढ़ती है।
2) बहु-उपयोगी और विविध मांग: फ़र्नीचर बेस का उपयोग केवल एक प्रकार के फ़र्नीचर तक सीमित नहीं है। इनका उपयोग सोफा, बेड, टेबल, कुर्सियाँ, अलमारी, और अन्य फ़र्नीचर आइटम बनाने में होता है। यह व्यवसाय लकड़ी, धातु, और प्लास्टिक जैसे विभिन्न कच्चे माल से बेस बनाकर एक विस्तृत ग्राहक वर्ग को आकर्षित कर सकता है।
3) उच्च लाभ मार्जिन: फ़र्नीचर बेस बनाने की प्रक्रिया में कच्चे माल की लागत कम होती है, लेकिन तैयार उत्पाद का लाभ मार्जिन काफी अच्छा होता है। आप सीधे फ़र्नीचर निर्माताओं को बेच सकते हैं, जिससे middlemen (मध्यस्थों) की लागत कम होती है।
4) लगातार मांग और रीप्लेसमेंट का बाजार: फ़र्नीचर की मांग हमेशा बनी रहती है, क्योंकि पुराने फ़र्नीचर की मरम्मत या बदलाव की आवश्यकता होती है।लोग अपने घरों का नवीनीकरण (renovation) करवाते रहते हैं, जिससे भी फ़र्नीचर बेस की मांग में वृद्धि होती है।
5) ऑनलाइन खुदरा (Online Retail) और ई-कॉमर्स: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे Amazon, Flipkart, और Urban Ladder पर फ़र्नीचर की बिक्री बढ़ रही है।ये कंपनियाँ अक्सर असेंबल किए जाने वाले (ready-to-assemble) फ़र्नीचर बेचती हैं, जिनमें मजबूत और उच्च गुणवत्ता वाले बेस की आवश्यकता होती है। यह इस व्यवसाय के लिए एक नया और बढ़ता हुआ बाज़ार है।

 

Demand :

फ़र्नीचर बेस व्यवसाय की मांग
1) बढ़ता हुआ शहरीकरण और रियल एस्टेट सेक्टर: भारत में नए घरों, अपार्टमेंटों, और वाणिज्यिक (commercial) इमारतों का निर्माण तेजी से हो रहा है।रियल एस्टेट सेक्टर में हो रही यह वृद्धि सीधे तौर पर फ़र्नीचर की मांग को बढ़ाती है, जिससे फ़र्नीचर बेस की मांग भी बढ़ती है।
2) फ़र्नीचर के नवीनीकरण (Renovation) और प्रतिस्थापन (Replacement) की आवश्यकता: लोग अक्सर अपने घरों को नया लुक देने के लिए फ़र्नीचर का नवीनीकरण करवाते हैं या पुराने फ़र्नीचर को बदलते हैं। इसके अलावा, ख़राब या टूटे हुए फ़र्नीचर की मरम्मत या प्रतिस्थापन के लिए भी फ़र्नीचर बेस की मांग बनी रहती है।
3) ई-कॉमर्स और ऑनलाइन बिक्री का प्रभाव: ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म जैसे Amazon और Flipkart पर फ़र्नीचर की बिक्री बहुत बढ़ गई है। ये कंपनियाँ अक्सर ऐसे फ़र्नीचर बेचती हैं जिन्हें ग्राहक घर पर ही आसानी से असेंबल कर सकें। ऐसे फ़र्नीचर में मजबूत और मानक आकार के फ़र्नीचर बेस की आवश्यकता होती है, जिससे इनकी मांग बढ़ती है।
4) लचीलापन और विभिन्न प्रकार की सामग्री: फ़र्नीचर बेस लकड़ी, धातु, और प्लास्टिक जैसे विभिन्न कच्चे माल से बनाए जाते हैं। यह निर्माताओं को ग्राहकों की अलग-अलग कीमतों और डिज़ाइन की ज़रूरतों को पूरा करने का अवसर देता है, जिससे इसकी मांग और बढ़ जाती है।
5) व्यावसायिक और संस्थागत क्षेत्र: ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, और अस्पताल जैसे व्यावसायिक और संस्थागत क्षेत्रों में भी फ़र्नीचर की निरंतर मांग होती है। इन सभी जगहों पर उपयोग होने वाले फ़र्नीचर को मजबूत बेस की आवश्यकता होती है, जिससे इस व्यवसाय के लिए एक स्थिर और बड़ा ग्राहक वर्ग उपलब्ध होता है।

 

Future :

फ़र्नीचर बेस व्यवसाय का भविष्य
1) बढ़ता हुआ रियल एस्टेट और शहरीकरण: भारत में शहरीकरण की प्रक्रिया बहुत तेजी से हो रही है, जिससे नए आवास और व्यावसायिक भवनों का निर्माण हो रहा है। यह विकास सीधे तौर पर नए फ़र्नीचर की मांग को बढ़ाएगा, जिससे फ़र्नीचर बेस का बाज़ार और भी बड़ा होगा।
2) डिजाइन और अनुकूलन (Customization) की मांग: भविष्य में ग्राहक अपने घर या ऑफ़िस के लिए अद्वितीय (unique) और अनुकूलित (customized) फ़र्नीचर चाहेंगे। फ़र्नीचर बेस निर्माता विभिन्न प्रकार के डिज़ाइन, आकार और सामग्री (जैसे धातु, लकड़ी) के बेस बनाकर इस मांग को पूरा कर सकते हैं।
3) ई-कॉमर्स और ऑनलाइन फ़र्नीचर खुदरा: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर रेडी-टू-असेंबल (ready-to-assemble) फ़र्नीचर की बिक्री में भारी वृद्धि हो रही है। इन फ़र्नीचर में मजबूत और मानक फ़र्नीचर बेस की आवश्यकता होती है, जिससे इस व्यवसाय के लिए एक नया और विशाल बाज़ार खुल रहा है।
4) टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल सामग्री पर जोर: भविष्य में ग्राहक ऐसे फ़र्नीचर को पसंद करेंगे जो टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल हों। फ़र्नीचर बेस निर्माता पुनर्नवीनीकरण योग्य (recycled) और टिकाऊ सामग्री का उपयोग करके इस बढ़ती हुई मांग को पूरा कर सकते हैं, जिससे उनका व्यवसाय भी टिकाऊ बनेगा।
5) स्मार्ट और मॉड्यूलर फ़र्नीचर का चलन: भविष्य में, स्मार्ट और मॉड्यूलर फ़र्नीचर की मांग बढ़ेगी, जो कम जगह में भी उपयोगी होते हैं। ऐसे फ़र्नीचर को बनाने के लिए विशेष प्रकार के बेस की आवश्यकता होगी, जिससे इस व्यवसाय में नवाचार और नए उत्पादों का विकास होगा।

 

Machinery : 

1) सर्कुलर सॉ (Circular Saw) या बैंड सॉ (Band Saw)
2) कटिंग और शेपिंग मशीन (Cutting and Shaping Machine)
3) वुड राउटर (Wood Router)
4) ड्रिल मशीन
5) सैंडिंग मशीन
6) पेंट/पॉलिश स्प्रेयर (Paint/Polish Sprayer)

 

Raw Material :

1) लकड़ी (Wood)
2) धातु (Metal)
3) स्क्रू, बोल्ट और नट
4) अडेसिव (Adhesive) और ग्लू
5) पेंट, वार्निश और पॉलिश

 

Investment :

Capital Investment : Shed = 5 to 7 lakhs
Material = 15,00,000 – 20,00,000/-
Place Required : 500 – 700 sq ft
Government Subsidy : Available
Margins = Rs. 1000 – 2000 per peice

 

अधिक जानकारी के लिए 7272971971 पर संपर्क करें।

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August 21, 2025

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